Tripura CM: Biplab Kumar Deb in Hindi – विप्लव कुमार देव की जीवनी

विप्लव कुमार देव का जीवन परिचय

त्रिपुरा के 10 वें  मुख्यमंत्री 10th Chief Minister of Tripure चुने गए विप्लव कुमार देव Viplav Kumar Dev शिक्षा के लिए दिल्ली
गए थे और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ RSS से जुड़े गए। विप्लव कुमार देव जिनका स्थानीय भाषा में नाम बिप्लव कुमार देब Biplav Kumar Deb है, 16 साल तक संघ के कार्यकर्ता रहे। उन्होंने संघ के दिग्गज नेताओं गोविंदाचार्य और कृष्णगोपाल शर्मा के संरक्षण में ट्रेनिंग ली। वे 7 जनवरी 2016 से त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।
राजनीतिक पंडितो का मानना है कि वे 2018 में हुए त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा के जीत के मुख्य सूत्रधार हैं। विप्लव कुमार देव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।

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आरएसएस से जुड़े हुए है विप्लव 

Viplav and RSS Connection

अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद विप्लव देव आगे की पढ़ाई के लिए त्रिपुरा से दिल्ली चले गए। दिल्ली में रहते हुए  विप्लव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए और उसके प्रशिक्षण कार्यक्रमों में बढ़ चढ़ कर  हिस्सा लेने लगे। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विप्लव
के संघ के स्वयंसेवक रहते हुए उनकी राजनीति में शुरुआत गोविंदाचार्य के साथ हुई। रिपोर्ट के मुताबिक जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली सरकार थी और गोविंदाचार्य जी बीजेपी के महासचिव थे, उस समय विप्लव उनके निजी सचिव हुआ करते थे।समय के साथ विप्लव कुमार देव का पार्टी की तरफ झुकाव बढ़ता चला गया और गोविंदाचार्य के साथ काम करने के कारण बीजेपी नेताओं के साथ इनके अच्छे संपर्क बनते चले गए।

विप्लव कुमार देव का परिवार

Family of Viplav Kumar Dev

विप्लब कुमार देव का जन्म 25 नवंबर 1969 को त्रिपुरा के गोमती जिले के राजधर नगर गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता Father of Viplav Dev हराधन देब जनसंघ के नेता थे। उनकी पत्नी Wife of Viplav Dev का नाम नीति देब है जो कि दिल्ली में भारतीय स्टेट बैंक में में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उनके एक पुत्र और एक पुत्री हैं।

त्रिपुरा में भाजपा जीत के हीरो

Hero of BJP Victory in Tripura

2016 में लगभग 15 वर्षों के बाद विप्लव त्रिपुरा लौटे। त्रिपुरा के 2018 के विधानसभा आम चुनावों में बीजेपी के ‘चलो पलटाई’ अभियान के जरिए त्रिपुरा में प्रचार अभियान को गति देने में विप्लव देव ने अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही विप्लव ने अगरतला से चुनाव लड़ रहे दिग्गज नेता सुदीप रॉय बर्मन और कांग्रेस विधायकों को पार्टी में शामिल करने में भी अहम भूमिका निभाई।
त्रिपुरा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलते ही मात्र दो साल में ही बिप्लब देव ने बीजेपी के लिए राज्य में कायापलट कर दिया। उन्होंने पिछले 25 साल से चले आ रहे लेफ्ट के शासन को ढहा दिया। त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व में और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) Indigenous People’s Front of Tripura (IPFT) और भाजपा के गठबंधन ने यहां पर कुल 60 विधानसभा सीटों में से 42 सीटें अपने नाम कर लगभग दो तिहाई बहुमत हासिल किया है।

विप्लव ने वनमालीपुर से चुनाव लड़ा

Viplav Contested from Banamalipur

विप्लव कुमार देव ने पश्चिम त्रिपुरा की वनमालीपुर Banamalipur विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उनके सामने माकपा के युवा मोर्चा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अमल चक्रवर्ती और कांग्रेसी के गोपाल रॉय चुनाव मैदान में थे। विप्लव ने अमल को 9549 मतों से हराकर बनमालीपुर सीट पर अपनी जीत दर्ज की।

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