Home remedies for UTI in Hindi – यूरीन इन्फेक्शन का घरेलू उपचार  

यूरीन इन्फेक्शन का घरेलू उपचार

यूटीआई का अर्थ है मूत्र नली अथवा मूत्राशय में संक्रमण. यूटीआई का पूरा नाम है यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन Urinary Tract Infection. यह बीमारी यूं तो महिला और पुरुष दोनों को हो सकती है, लेकिन महिलाओं को इसका सामना अधिक करना पड़ता है. मूत्राशय का संक्रमण बढ़ने पर किडनी पर भी इसका असर होता है और अगर इसका उपचार नहीं किया गया तो किडनी भी खराब हो सकती हैं.
यूटीआई होने पर चिकित्सक आमतौर पर एंटीबायोटिक्स की सलाह देते हैं क्योंकि इनसे यूरिनरी सिस्टम की सफाई जल्दी और बिना तकलीफ के हो जाती है. हालांकि, एंटीबायोटिक के अधिक इस्तेमाल शरीर के प्रतिरोधक तंत्र कमजोर हो सकता है. इसलिए आजकल महिलाएं एंटीबायोटिक दवाओं के बिना यूटीआई उपचार पर अधिक जोर दे रही हैं.
आइए बात करते हैं यूटीआई के लक्षण, बचाव के तरीकों और कुछ ऐसे घरेलू उपायों की जिन्हें शुरुआत में ही आजमा कर आपको यूटीआई यानी यूरीन इन्फेक्शन से राहत मिल सकती है.  लेकिन याद रखें कि यूटीआई दो-तीन दिन से अधिक रहे तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें.

महिलाओं को अधिक क्यों होता है यूटीआई

महिलाओं में गुप्तांगों की जटिलता के कारण उन्हें यूरिनरी इन्फेक्शन यानी पेशाब नली संक्रमण होने की आशंका अधिक होती है. पेशाब नली यानी यूरेथरा की अच्छी तरह सफाई ना की जाए तो संक्रमण इस ट्यूब के रास्ते ब्लैडर तक भी पहुंच सकता है. इस तरह महिलाएं यूटीआई से पीड़ित हो जाती हैं.

Symptoms of UTI in Hindi यूटीआई के लक्षण

आइए अब बात करते हैं उन लक्षणों की, जिनसे यूटीआई की बीमारी की पहचान की जा सकती है.
  • गुप्तांग में खुजली व जलन की शिकायत.
  • रुक-रुक कर पेशाब आना, पेशाब में रूकावट.
  • बार-बार ऐसा लगना कि यूरीन आ रहा है, लेकिन जब जाएं तो थोड़ा सा ही यूरीन पास होना.
  • यूरिन में बदबू आना और रंग ज्यादा पीना होना.
  • पेट के निचले भाग में दर्द महसूस होना.
  • पेशाब में खून आना.
  • यूटीआई संक्रमण अगर अधिक है, तो थकान व बुखार भी हो सकता है.

अगर आपको ये लक्षण दिखें तो तत्काल यूरिन जांच करवाएं.

How to prevent Urine Infection यूरीन इन्फेक्शन से बचने के उपाय

  • गुप्तांग की साफ-सफाई रखें और सूखा रखें. अन्यथा संक्रमण होने का खतरा बढ़ सकता है.
  • यूरीन आए तो उसे अधिक देर तक रोकना नहीं चाहिए.
  • अपने साथी से सेक्स सम्बन्ध बनाने के बाद यूरीन जरूर पास करें और अपने अंगों की अच्छी तरह साफ-सफाई करें.
  • अपने बाथरूम को साफ-सुथरा रखें और सार्वजनिक शौचालय या मूत्रालय में गन्दी अधिक होने पर इनका इस्तेमाल नहीं करें.

How to cure UTI naturally यूटीआई का कुदरती इलाज

  • यूरीन संक्रमण होने पर पानी खूब पिएं ताकि मूत्राशय में जमा बैक्टीरिया बाहर निकल जाएं.
  • मूत्राशय पर दबाव कम करने और बेचैनी से राहत के लिए अपने पेट पर गर्म पट्टी या हॉट वाटर पैड रखें।
  • बाल्टी-मग से स्नान करने के बजाय पर फव्वारे से नहाएं ताकि गुप्तांगों की सफाई भी अच्छी तरह हो सके.
  • यूरीन इन्फेक्शन में बादाम, स्प्राउट्स, अलसी के बीज, दूध, अंडे, बिना नमक का मक्खन, ताजा नारियल, मटर, लहसुन, पालक, ताजा दही, ब्राउन राइस, हाई फाइबर वाले आहार जैसे फलियाँ, जई, जमीन के अंदर पैदा होने वाली सब्जियां जैसे आलू, रतालू खाना चाहिए. फल और सब्जियों के रस और सूप का सेवन करें.

यूरीन इन्फेक्शन रोकने में कारगर क्रेनबरी यानी करौंदा

करौंदा खाना भी यूरीन इन्फेक्शन दूर करने में है मददगार
क्रेनबेरी का शुद्ध ज्यूस पीना या क्रेनबेरी खाना गुर्दे, मूत्राशय और मूत्र मार्ग संक्रमणों को दूर करने में बहुत मददगार होता है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि क्रेनबेरी के सेवन से यूरीन की अम्लता बढ़ती है, जिससे यूटीआई बैक्टीरिया ब्लेडर की दीवार पर नहीं चिपक पाता. ध्यान रखें कि बोतल बंद क्रेनबेरी ज्यूस फायदा नहीं करेगा क्योंकि उसमें चीनी और अन्य दूसरी चीजें मिली होती हैं.

यूटीआई से राहत कैसे देता है बेकिंग सोडा

यूटीआई के लक्षण महसूस होने पर आधा-एक छोटा चम्मच बेकिंग सोडा लें और एक गिलास पानी में मिला लें और इसे खाली पेट पी लें. इससे आपके यूरीन का एसिड लेवल कम हो जाएगा जिससे जलन में राहत मिलेगी. इसका सेवन आप तीन घंटे के अंतराल से कर सकते हैं. ध्यान रखें कि बेकिंग सोडा का अधिक सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है. बेकिंग सोडा सूखा खाने की कोशिश बिल्कुल नहीं करें. गर्भवती महिलाएं इस उपाय को नहीं आजमाएं.

यूरीन इन्फेक्शन में इनसे करें परहेज

टमाटर, टोमेटो सॉस, पिज़्ज़ा सॉस, अमरुद, अन्नानास, संतरे, मीट, चॉकलेट, कॉफी, चाय और मसालेदार भोजन का सेवन यूरीन संक्रमण से पीड़ित होने पर नहीं करना चाहिए.
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यूटीआई रोकने में मददगार योग

]रोजाना आधा घंटा एरोबिक व्यायाम, मॉर्निंग वॉक,  जॉगिंग आदि लाभकारी हो सकता है। योग करने से पेल्विक मसल्स को मजबूती मिलती है, जिससे यूटीआई को नियंत्रित करने में आसानी होती है. पद्मासन, मत्स्यासन, वज्रासन, भुजंगासन जैसे योगासनों से यूरिनरी इन्फेक्शन को रोकने में मदद मिलती है.

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